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Heer ranjha story in hindi

Heer ranjha story in hindi : हीर राँझा की प्रेम कहानी

Heer ranjha story in hindi – : हीर राँझा की प्रेम कहानी

 प्यार  की न तो कोई परिभाषा है न तो इन्हे शब्द में बया किया जा सकता है दुनिया में प्यार  ही ऐसा है जिसका कोई मोल नहीं है जिसको कभी पैसे से नहीं ख़रीदा जा सकता ये तो एक ऐसा खूबसूरत अहसास है जो दो लोग आपस में गहराई से जोरता है  | ये एक ऐसा बंधन है जो दो लोग को गहराई से बांध देता  है प्यार साथ होने से दुनिया जन्नत लगने लगती है |सच्चा प्यार हमेसा दिल से प्यार करने वालो को ही मिलती है प्यार किसी से आसानी से हो तो सकता है लेकिन आसानी से ख़त्म नहीं हो सकता। 

                                                        दुनिया में कई प्यार के किस्से और कहानी है जो साबित करता है की सच्चा  प्यार न तो हारता है न ही झुकता है। हमेसा जीत प्यार की ही होती है उन्ही कहानियो में से एक कहानी हीर- राँझा की है। हीर का जन्म  पाकिस्तान के पंजाब में  अमीर  जाट  परिवार में हुयी  था। और राँझा का जन्म तख़्त हजारी  गांव में मौजू  चौधरी जो   सबसे बड़े जमींदार थे उन्ही के यंहा हुआ था  उनके चार पुत्र थे राँझा उनका सबसे छोटा पुत्र था  राँझा का असली नाम भीदो था और राँझा उसका उप नाम था इसलिए  सभी लोग उसे राँझा के नाम से पुकारते थे 

Heer ranjha story in hindi

                                                                             राँझा अपने घर में सबसे छोटा  होने के कारन   अपने पिता का सबसे प्रिय पुत्र था राँझा के तीनो भाई खेतो में बहुत मेहनत करता था और राँझा कोई काम धंधा नहीं करता था और भर दिन बांसुरी  बजाया  करता था के बात उनके भाई और और भाभी  को अच्छा नहीं लगता था इसीलिए वो लोग उनसे बहुत नफरत करते थे  इसी कारन से उसके घर में हमेसा विवाद  होता रहता था। एक दिन राँझा घर छोड़ के चला गया  राँझा को बचपन से ही खूबसूरती से प्रेम था।

वो वो सपने  में ही एक खूबसूरत हसीना की तस्वीर गढ़  ली थी। राँझा बहुत ही आशिक़ मिजाज का लड़का था महज 12 साल की उम्र में ही उसके पिता का देहांत हो गया था। बाद में उसे अपने भाईयो से भी विवाद हो गया वो अपना घर छोड़कर सारा दिन पेड़ के नीचे बैठकर बांसुरी बजाया  करता था। और अपने सपनो के राजकमारी  के बारे में सोचा करता था। एक पीर  ने पूछा तुम इतने दुखी क्यों हो तब राँझा ने पीर को अपने द्वारा रचित गीत सुनाये  जिसमे उसने अपने  राजकुमारी का उल्लेख किया था। पीर ने उसे बताया तुम्हारे सपनो की राजकुमारी हीर के अलावा कोई और नहीं हो सकती। पीर की बात सुनकर रांझा अपने हीर को ढूंढे के लिए वहां  से चल पड़ा। एक रात राँझा को मस्ज़िद  में ठहरना पड़ा। और सुबह रबाना हुआ और हीर के गांव पहुंच गया।  

हीर रांझा के प्यार की असली कहानी

       पहली बार हीर को देखते ही रांझा समझ गया यही मेरी सपनो की राजकुमारी है हीर बहुत ही समझदार और खूबसूरत लड़की थी। एक रात राँझा हीर के नाव में सो गया  हीर जब उसे देखि तो आग बबूला हो गयी और एक जबान मर्द रांझे  को देखकर वो अपना गुस्सा भूल गयी। और रांझे को देखते रह गयी तब राँझा ने उसे अपने सपनो की बात कही। रांझे पर फ़िदा हीर उसे अपने घर ले गयी और अपने यंहा नौकरी पर रखवा लिया। हीर राँझा के घर पर मवेशी को चराने का काम किया करता था। और रांझा मवेशियों को चराता और बाँसुरी बजाता  हीर बाँसुरी की आवाज सुनकर मंत्र मुग्ध हो जाती थी। और धीरे धीरे हीर को भी राँझा से गहरा  गया वो कई सालो तक गुप्त जगहों पर छुप छुप कर मिलते रहे।

ये  सारी बात की खबर हीर के चाचा को हो गयी वो तुरंत  उसके पिता चूचक  को ये खबर बता दिया। हीर के घरवालों तुरंत रांझे को नौकरी से  निकाल दिया और दोनों को मिलने से मना कर दिया। और हीर का शादी सईदा खेरा नाम के आदमी से तय कर दिया। मौलबी और अपने परिवार के दबाब में आकर उसने सईदा खेरा से निकाह काबुल कर ली। जब ये खबर रांझा को पता चला तो उसका दिल टूट गया। वह गांव के इलाको में दर बदर भटकता रहा। उसे एक दिन गोरख नाथ नाम का एक जोगी मिला जिसके बाद राँझा भी उसके साथ जोगी बन गया।

Heer Ranjha Real Story

रब का नाम लेता हुआ वो पुरे पंजाब में भटकता रहता था अंत में उसे एक दिन हीर का गांव मिल गया जहाँ वो रहती थी वो हीर के पति सईदा  के घर गया और उसका दरवाजा खटखटाया आवाज सुनकर जब हीर बहार आयी तब उससे भिक्छा देने लगी। दोनों एक दूसरे को  देखते रह गए राँझा रोज फ़क़ीर बनकर आता और हीर उसे भिक्छा देती यह सिलसिला कुछ दिन चला  एक दिन ये हीर की सब देख लिया। उसने हीर को जब टोका तो राँझा गांव से बहार चला गया सारे गांव रांझे को पूजते थे रांझे के याद में हीर बीमार पर गयी  कही भी उसका इलाज नहीं हुआ तब हीर के ससुर रांझे के पास गए। 

                        राँझा हीर के  घर गया और उसके सर पर हाथ रखा और हीर की चेतना लौट आयी जब लोगो को पता चला की वो राँझा है तो लोगो ने उसे पीट कर गांव  से निकाल दिया और राजा ने उसे चोर समझकर पकड़ लिया जब राँझा ने राजा को हकीकत बताया और अपने प्यार की परीक्षा देने के लिए आग पे हाथ  रख दिया तब राजा ने हीर  के पिता को आदेश दिया की हीर की शादी रांझे से करा दिया जाय  राजा के दर से उसके पिता ने इस शादी की मंजूरी दे दी  ये ख़ुशी हीर के चाचा कैडो को बर्दास्त नहीं हुआ और हीर के खाने में जहर दे दिया  ताकि ये शादी  न हो सके ये सूचना मिलते ही राँझा हीर के पास पहुंच गया तब तक  बहुत देर हो गयी थी।

और वो खाना हीर का चुकी थी उस जहरीली खाने से उसकी मौत हो गयी राँझा ये दुख को झेल नहीं पाया और उसने भी ये जहर वाला खाना का लिया और रांझे की भी मौत हो गयी।

Heer ranjha real love story in hindi

हीर राँझा को उनके गांव झिंग में ही दफ़न कर दिया गया  कहते हैं न की  अजल से मोहाबत की दुसमन है दुनिया कभी दो दिलो  को मिलने  न देगी  आज भी उनके कब्र पर प्रेम का मजार बना हुआ है भले वो मर गए लेकिन आज भी हीर रांझे को उनके प्यार की महानता को  याद किया जाता है  हर सच्चे प्यार करने वाले हीर रांझे की कस्मे खाते हैं  कहते है इस दुनिया में हीर रांझे   लैला मजनू   रोमियो जूलिएट जैसे सच्चे प्रेमियों के किस्से देखने को मिलता है   तो ये रही हीर रांझे की प्यार की सच्ची कहानी  कैसी लगी ये कहानी comment करके जरूर  बताये  अगर आप भी किसी से सच्चा प्यार करते हैं तो वो आपको  जरूर मिले  ये मेरा भागवान से प्रार्थना है   घन्यवाद –


लैला-मजनूँ की प्रेम-कहानी –

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